Wednesday, December 3, 2008

बेलपहर उछब -२००८

बेलपहर उछब २००८ जो की दिसम्बर १८-२२ तक आयोजन होनेबाला हे इस अबसर पर उड़ीसा के करीब ११ बहुचर्चित नाट्य संगठन आपना बेहेतरीन नाटक कर्नेबलें हें ।
आज जहाँ नाट्य कला धीरे धीरे दर्शकों से दूर होरेही हे इस उछब एक मात्र बिकल्प रहजता हे नाटक को दर्सकों तक पहुचने के लिए ।

Thursday, November 6, 2008

मेरे जीवन के सबसे बड़ा सम्मान .

मेरे जीवन की सबसे बड़ी नाट्य सम्मान पिछले २ नवम्बर २००८ को सालता महामिलन-२००८ घेस ,बरगढ़, उड़ीसा में प्रदान किया गया। पश्छिम उड़ीसा के सबसे बड़ा यह सम्मान नाटक के छेत्र में अभुत्पुर्ब योगदान के लिए दिया गया।
हम सालता परिवार के आभारी हें।

Thursday, October 2, 2008


सुबाष जी कबी हलधर नाग जी के साथ


लोक कबी रत्ना हलधर नाग जी के साथ हमारे निर्देसक श्री सुबाष चंद्र प्रधान न्यू दिल्ली में ।

Tuesday, September 30, 2008

दिल्ली में मिर्रोर थिएटर

पिछेले ६.९.२००८ को हमारे मिर्रोर थिएटर ने जुहार संगठन, न्यू दिल्ली के जरिए नवाखाई भेट में अपपनी लोक गीत और नृत्य के जरिये पश्छिम उड़ीसा के लोग जो दिल्ली में बस चुके हें सब ने सिरकत की। इसी अबसर पर लोक कबी रत्ना हलधर नाग ने जोग दिया था।

Friday, September 26, 2008

Delhi में मिर्रोर थिएटर


S।D.A. Mirror theatre is participated Nuan Khai Bhet at JNU,New Delhi (Jawharlal Neheru University) by JUHAR Organization,New Delhi on dated 6th septmber, 2008. In this occasion our organization perform sambalpuri folk song and dance. Look kabi ratna Haldhar Nag was witness the show as a chief guest.

सुबाश

Saturday, August 2, 2008

नाटक कपटा (साढी)



कपटा का मतलब होता हे साढी । इसी साढी न केबल किसी सुंदर महिला की शोवा बदती हे बल्कि इसी साढी हमरी संस्कृति की अंग अंग से जुदा हुआ हे । आज जहाँ हर एक रिश्ता बैमानी से लगती हे जहाँ हर एक रिश्ता पैसे के पैमाने पे टोला जाता हो वहां इंसानियत कहीं न कहीं आज भी इसी समाज में जिन्दा हे । इसी पर आधारित हमारा उड़िया,संबलपुरी नाटक कपटा ।


एक साधारण चोर चोरी करते हुए उसकी हातों से एक युवक का खून हो जाता हे । उसे पता चलता हे की उसी युबक के एलाबा उसकी घर में देख भाल करने के लीए अंधी बहन का कोई नहीं हे । यहाँ चोर बहन का प्यार पा कर चोर भी आपना भाई का कर्त्यब निभाते हुए आपना आँख दान करदेता हे ।


यह नाटक भी हमारी सफल नाटक में से एक हे । राउरकेला , संबलपुर ,बरगढ़, दमंजोदी में सर्ब श्रेस्ठ नाटक का खिताब के साथ साथ अभिनेता, अभिनेत्री का पुरुस्कार जित चुका हे ।


२००७ में इसी नाटक को उदिशा नाटक अकादेमी, भुबनेश्वर में नाट्य समारोह में प्रर्दशित हो चुका हे ।