उजाले की और एक कदम शिर्फ़ नाटक ही ले जा सकता हे। चोलो नाटक करें और दिखा दे इस  दुनिया हँसी, दुःख और बदलते मनाब्ता के रंग को । चोलो नाटक खेले और बनादे इससे  एक सुनेहेरा सबेरा।
                                                                                                               सुबास
हम पिछेले १५ सल् से रंग कर्म/नाटक के छेत्र में काम कतरे आरेहें हम ने न बल्कि हिंदुस्तान में नाटक कियाहे एउरोप के १० देशमें नाटक कियाहे .
Saturday, June 28, 2008
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