आइए आपको में मेरी पत्नी सरस्वती प्रधान से आपका परिचय करबा देता हूँ । जब सन १९९३ को हमारा नाट्य संगठन एस डी ऐ मिर्रोर थिएटर ने जन्म लिया जब इसी संगठन का निम्ब रखा गया तबसे वे हमारे साथ हे । हलाकि तब हमारी साधी नहीं हुईथी आगे चलके सन २००२ में हमने शादी करली ।
हमारे हर एक नाटक में बे बखूबी आभिनय करते हें और नाटक प्रस्तुति में संबाद लिखने से ले के हरेक कम में हमे सहयोग करते हें और बे हमेसा से नाटक के प्रति समर्पित हें । मुझे एक बकेया यद् हे एकबार सरस्वती को बहुत बुखार था और तिन दिन बाद हमारा एक बहुत बड़ा शो था हमे बड़ी चिंता हुई नाटक हो पैग की नहीं हमे चिंतित देख कर सरस्वती ने डॉक्टर को झूट बोला की वो अच्छा हो गई हे और हॉस्पिटल से आके तुंरत नाटक में भाग लिया।
मेरा तिन सल् का बेटा हे "बिनय" वो भी karib ३/४ नाटक में अभिनय करचुका हे अभी स्कूल जाराहा हे । में ऊपर बाले को धन्यवाद देना चाहता हूँ की मुझे सरस्वती जेसी पत्नी और विनय जेसा बेटा दिया । भगवन नटराज से बस इतनीसी गुजारिश हे की हम पर कृपा बनाकर रखे और इसी तरह नाटक की पूजा करते रहे ।
सुबास
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