Tuesday, September 30, 2008
दिल्ली में मिर्रोर थिएटर
Friday, September 26, 2008
Delhi में मिर्रोर थिएटर
Saturday, August 2, 2008
नाटक कपटा (साढी)

कपटा का मतलब होता हे साढी । इसी साढी न केबल किसी सुंदर महिला की शोवा बदती हे बल्कि इसी साढी हमरी संस्कृति की अंग अंग से जुदा हुआ हे । आज जहाँ हर एक रिश्ता बैमानी से लगती हे जहाँ हर एक रिश्ता पैसे के पैमाने पे टोला जाता हो वहां इंसानियत कहीं न कहीं आज भी इसी समाज में जिन्दा हे । इसी पर आधारित हमारा उड़िया,संबलपुरी नाटक कपटा ।
एक साधारण चोर चोरी करते हुए उसकी हातों से एक युवक का खून हो जाता हे । उसे पता चलता हे की उसी युबक के एलाबा उसकी घर में देख भाल करने के लीए अंधी बहन का कोई नहीं हे । यहाँ चोर बहन का प्यार पा कर चोर भी आपना भाई का कर्त्यब निभाते हुए आपना आँख दान करदेता हे ।
यह नाटक भी हमारी सफल नाटक में से एक हे । राउरकेला , संबलपुर ,बरगढ़, दमंजोदी में सर्ब श्रेस्ठ नाटक का खिताब के साथ साथ अभिनेता, अभिनेत्री का पुरुस्कार जित चुका हे ।
२००७ में इसी नाटक को उदिशा नाटक अकादेमी, भुबनेश्वर में नाट्य समारोह में प्रर्दशित हो चुका हे ।
Saturday, July 26, 2008
नाटक के लिए साहेता (Please help फॉर Theatre)
हम पश्छिम उड़ीसा के झारसुगुडा जिल्ला के बेलपहर जेसे पिचादा इलाका में सन १९९३ से लगातार नाटक करते आरहे हे । केबल मोनोरंजन के लिए नहीं बल्कि जन जागरण, नाट्य गवेषणा तथा प्रयोगात्मक नाटक करने में हम न केवल राज्य , जयतिया , अंतर्जयातिया नाटक महोसव में लगातार भाग लेते आरहे हे ।
एशिया का सबसे लम्बा हीराकुद बाँध के बिस्तापितों के समस्या के ऊपर आधारित नाटक ''लाल पैन" प्रोयोजित करना चाहते हे । आज करीब ५० साल से जादा इस बाँध को हो चुका हे इसी बाँध में आपना घर, ज़मीन और रोजगार खो चुके हजोरो बिस्तापितो को मुआबजा नहीं मिला । इसी के सत्य घटना के ऊपर आधारित नाटक को पछिम उड़ीसा के अनेक प्रान्तों में प्रर्दशित करना चाहते हें ।
इसी नाटक को प्रायोजित करने के लिए आपसे निबेदन हे की ब्याक्तिगत और संघटन से आर्थिक साहेता चाहते हे । आपका साहेता से ही नाटक के जरिए इंक्लाव ला सकते हें ।
Thursday, July 17, 2008
सरस्वती से आइए आपको मिलाता हूँ

आइए आपको में मेरी पत्नी सरस्वती प्रधान से आपका परिचय करबा देता हूँ । जब सन १९९३ को हमारा नाट्य संगठन एस डी ऐ मिर्रोर थिएटर ने जन्म लिया जब इसी संगठन का निम्ब रखा गया तबसे वे हमारे साथ हे । हलाकि तब हमारी साधी नहीं हुईथी आगे चलके सन २००२ में हमने शादी करली ।
हमारे हर एक नाटक में बे बखूबी आभिनय करते हें और नाटक प्रस्तुति में संबाद लिखने से ले के हरेक कम में हमे सहयोग करते हें और बे हमेसा से नाटक के प्रति समर्पित हें । मुझे एक बकेया यद् हे एकबार सरस्वती को बहुत बुखार था और तिन दिन बाद हमारा एक बहुत बड़ा शो था हमे बड़ी चिंता हुई नाटक हो पैग की नहीं हमे चिंतित देख कर सरस्वती ने डॉक्टर को झूट बोला की वो अच्छा हो गई हे और हॉस्पिटल से आके तुंरत नाटक में भाग लिया।
मेरा तिन सल् का बेटा हे "बिनय" वो भी karib ३/४ नाटक में अभिनय करचुका हे अभी स्कूल जाराहा हे । में ऊपर बाले को धन्यवाद देना चाहता हूँ की मुझे सरस्वती जेसी पत्नी और विनय जेसा बेटा दिया । भगवन नटराज से बस इतनीसी गुजारिश हे की हम पर कृपा बनाकर रखे और इसी तरह नाटक की पूजा करते रहे ।
सुबास
Saturday, July 12, 2008
नाटक द्वितीय गाँधी एक सफलता की और

हमारा सु परषिद नाटक द्वितीय गाँधी ने हमे बहुत सफलता दी हे। इस नाटक में युवा बर्गो में गाँधी जी के आदर्श या फ़िर यूँ कहे की एक युवा को गाँधी जी की मार्ग दर्शन पर चलने का एक प्रयोग किया गया हे।
जरा सोचिये अगर इसी समय गाँधी जी इस भारत वर्ष में किसी दुसरे रूप में आते और देखते जिस अहिंसा के दम पर इस देश को स्वतंत्रा दिलियी हे । उनकी tyag को उनकी आदर्शो को आज हम कितनी यद् रख पैन हें । अगर आज बे की दूसरी रूप में हमारे बिच आजाएं उन्हें यह देश की दुर्दशा देख कर कितनी दुःख होगी। आज के तारीख में हमें क्या किसी दुश्री गाँधी यानि की द्वितीय गाँधी की जरुतात हाय ?
नाटक का मंचन :-
१९९५ - बहु भासी नाटक प्रतियोगिता, कटक
१९९५- सर्व भारतीय नाटक प्रतियोगिता, अलाहाबाद
२००१- नाटक मोहोसव, संबलपुर
२००१- कोशली नाट बड़ी , बोलांगीर
२००२- नाटक मोहोसव, बरगढ़
२००३- प्रयोगात्मक नाटक समारोह (पुर्बंचल सांस्कृतिक केन्द्र) कोल्कता
२००८- रंग प्रतिभा, संगीत नाटक अकादेमी, नै डेल्ही के और से
Tuesday, July 1, 2008
एक गुजारिश
