Friday, February 13, 2009

"मार घिची करि चपको लोठो "



नाटक "मार घिची करि चपको लोठो "


क्या आपको यद् हें बो पुरिनी कहानी जब कभी हमारे दादा दादी से हमने कभी सुने थे ? वेशी ही एक लुक कथा के ऊपर आधारित हें हमारा नाटक "मार घिची करि चपको लोठो "। गावं का भोला भाला भक्त और उसकी बहन मजदूरी करके आपना गुजरा करते हें । गावं के दो वदमाश चपको और लोठो भक्त को आपनी बुरी सांगत में फसा लेते हें । जब भोला भाला भक्त जान पाटा उसके तों से जुर्म हो चुका होता हें ।


नाटक को लिखे और निर्द्शाना दिए हें सुबाष चंद्र प्रधान ।


स्टेज क्राफ्ट :- संतोष साहू , संगीत : खिरीधर हरिपाल ।


हें नाटक दर्शक और क्रिटिक के बिच सराहा गया हें। इसी नाटक को उड़ीसा और अन्य राज्य में प्रर्दशित करने की योजना हें। इस नाटक को ओरिया न्यूज़ पेपर ने भी आपनी सेसिअल पेज में स्थान दिया हें।